नवरात्रि ७ वें दिन:मां कालरात्रि

Oct. 12, 2021, 6:22 a.m. by Karuwaki Speaks ( 1132 views)

Share on WhatsApp Share on Facebook

नवरात्रि के सातवें दिन को महासप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है. मां कालरात्रि की पूजा करने से भूतप्रेत भी भाग जाते हैं। मां कालरात्रि बेहद शक्तिशाली हैं, जो लोग विधि विधान से मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करता है, उसे संकटों से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिए इन्हें शुभकंरी माता के नाम से भी पुकारते हैं।

Responsive image

मां कालरात्रि देखने में बहुत ही भंयकर है लेकिन इनका हृदय बहुत ही कोमल है। इनकी नाक से आग की भयंकर लपटें निकलती हैं। मां कालरात्रि की सवारी गर्धव यानि गधा है। मां कालरात्रि का दायां हाथ हमेशा उपर की ओर उठा रहता है, इसका अर्थ मां सभी को आशीर्वाद दे रही हैं। मां कालरात्रि के निचले दाहिने हाथ की मुद्रा भक्तों के भय को दूर करने वाली है। उनके बाएं हाथ में लोहे का कांटेदार अस्त्र है। निचले बाएं हाथ में कटार है।

Responsive image

पौराणिक कथा के मुताबिक दैत्य शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने तीनों लोकों में अपना आंतक मचाना शुरू कर दिया तो देवतागण परेशान हो गए और भगवान शंकर के पास पहुंचे। तब भगवान शंकर ने देवी पार्वती से राक्षसों का वध कर अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए कहा। भगवान शंकर का आदेश प्राप्त करने के बाद पार्वती जी ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ-निशुंभ का वध किया। लेकिन जैसे ही मां दुर्गा ने रक्तबीज को मारा उसके शरीर से निकले रक्त की बूंदों से लाखों रक्तबीज उत्पन्न हो गए। तब मां दुर्गा ने मां कालरात्रि के रूप में अवतार लिया। मां कालरात्रि ने इसके बाद रक्तबीज का वध किया और उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को अपने मुख में भर लिया।

Responsive image

मां कालरात्रि की विशेष पूजा रात्रि में करने का विधान है । तांत्रिक अपनी मंत्र साधना के लिए इस दिन का वर्ष भर इंतजार करते हैं । मान्यता है कि इस दिन मंत्र सिद्ध होते हैं । इसीलिए सप्तमी की रात्रि सिद्धियों की रात भी कही गई है । मां कालरात्रि की पूजा आरंभ करने से पहले कुमकुम, लाल पुष्प, रोली लगाएं । माला के रूप में मां को नींबुओं की माला पहनाएं और उनके आगे तेल का दीपक जलाएं । मां को लाल फूल अर्पित करें । साथ ही गुड़ का भोग लगाएं । इसके बाद मां के मन्त्रों का जाप या सप्तशती का पाठ करें । इस दिन मां की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है ।

Responsive image

मां कालरात्रि की पूजा करने से करियर संबंधी आने वाली दिक्कतें दूर होती हैं। वहीं जिन लोगों को अनावश्यक भय बना रहता है उन्हें भी मां कालरात्रि की पूजा करने से आराम मिलता है। जिन लोगों को आग, जीव-जंतु, भूतप्रेत का भय लगता है उन्हें मां कालरात्रि की पूजा जरुर करनी चाहिए।


Comments (1)

user
Pammi1234 2 years, 6 months ago