बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है जो बौद्धों का सबसे पवित्र त्योहार है. बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की याद में मनाया जाता है. यह वैशाख में पूर्णिमा की रात पर पड़ता है. लॉर्ड बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और उन्हें विष्णु का नौवां अवतार कहा जाता है.
गौतम बुद्ध कौन थे?
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में सिद्धार्थ गौतम के रूप में हुआ था. वह एक वास्तविक ऐतिहासिक व्यक्ति थे, जो कि शाकाल के एक राजकुमार थे, जो आधुनिक भारत और नेपाल की सीमा से लगे एक छोटे से राज्य के लोग थे. वह समृद्धि और सामाजिक सुधार के समय में रहते थे. सोलह वर्ष की आयु में, सिद्धार्थ ने एक सुंदर महिला से शादी की और उनका एक बेटा था.
उनके जीवन में मोड़ तब आया जब सिद्धार्थ सत्ताईस वर्ष के थे और उन्होंने महल के मैदान के बाहर उद्यम किया. वह संसार (वृद्धावस्था, बीमारी और मृत्यु) के कष्टों से घिर गए, अपनी पत्नी, पुत्र और धन को छोड़कर आत्मज्ञान की तलाश में भटकता तपस्वी बन गए.
वह कई स्थानों पर भटकते रहें और अंततः पैंतीस वर्ष की आयु में वह बोधगया आयें, जहाँ वह एक पेड़ के नीचे बैठे थे. उन्होंने शपथ ली कि वह तब तक नहीं उठेंगे जब तक उन्हें आत्मज्ञान नहीं मिल जाता. इकतीस दिनों के एकांत साधना के बाद उन्होंने निर्वाण, स्थायित्व की स्थिति प्राप्त की. वह इस प्रकार बुद्ध बन गए.
बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है?
वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान् बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था, जो बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए. गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन होने के कारण इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. भगवान बुद्ध ने सत्य की खोज के बाद लोगों को उपदेश दिए, उन उपदेशों को हमें याद रखना चाहिए.
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन अर्थात् वैशाखी पूर्णिमा के दिन ही हुए थे. ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ है. बौद्ध लोग इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से मनाते हैं.
भगवान बुद्ध के महत्वपूर्ण उपदेश क्या हैं?
भगवान बुद्ध तो वाकई में बहुत ही महान पुरुष थे, लेकिन वहीँ उनके द्वारा कही गयी उपदेश आज के समय में उतने ही कारगर हैं जितने के पहले हुआ करते थे. चलिए भगवान बुद्ध के महत्वपूर्ण उपदेश के बारे में जानते हैं.
1. भगवान बुद्ध तो वाकई में बहुत ही महान पुरुष थे, लेकिन वहीँ उनके द्वारा कही गयी उपदेश आज के समय में उतने ही कारगर हैं जितने के पहले हुआ करते थे. चलिए भगवान बुद्ध के महत्वपूर्ण उपदेश के बारे में जानते हैं.
2. मनुष्य को अपने शरीर को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी है. अगर शरीर स्वस्थ नहीं है तो आपकी सोच और मन भी स्वस्थ और स्पष्ट नहीं होंगे.
3. सभी गलत कार्य मन में जन्म लेते हैं. अगर आपका मन परिवर्तित हो जाए तो मन में गलत कार्य करने का विचार ही जन्म नहीं लेगा.
4. हजारों खोखले शब्दों से वह एक शब्द अच्छा है, जो शांति लेकर आए.
5. किसी से घृणा करने से आपके मन की घृणा खत्म नहीं होगी, यह केवल प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है. वैसे ही बुराई से बुराई खत्म नहीं होती, वह प्रेम से खत्म होती है.