Mahalaya 2021: महालया महत्व व इतिहास

Oct. 5, 2021, 4:53 p.m. by Karuwaki Speaks ( 790 views)

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सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

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शारदीय नवरात्रि की दुर्गा पूजा में महालया का विशेष स्थान होता है. महालया के दिन से ही दुर्गा पूजा का प्रारंभ होता है. बंगाल के लोग इस महालया का साल भर से इंतजार करते रहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि महालया के साथ श्राद्ध (Shraddh) खत्म हो जाते हैं और मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर इसी दिन आती हैं और अगले 10 दिनों तक वे यहां पर रहती हैं.

महालया क्या और कब है?
शास्त्रों के अनुसार महालया और सर्व पितृ अमावस्या एक ही दिन होती है. पंचांग के अनुसार इस बार सर्व पितृ अमावस्या और महालया एक दिन अर्थात 6 अक्टूबर दिन बुधवार को है. महालया के दिन मूर्तिकार मां दुर्गा की आंख को तैयार करता है. इसके बाद से ही मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जाता है. इसके बाद मां दुर्गा की मूर्तियां पंडालों की शोभा बढ़ाती हैं.

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महालया का इतिहास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अत्याचारी राक्षस महिषासुर का संहार करने के लिए ब्रह्मा विष्णु और महेश ने मां दुर्गा के रूप में एक शक्ति का सृजन किया था. महिषासुर को वरदान मिला था कि कोई भी मनुष्य या देवता उनका वध नहीं कर पायेगा. इस अभिमान से महिषासुर सभी देवताओं को पराजित कर देवलोक पर अपना अधिकार कर लिया. तब देवताओं ने भगवान विष्णु के शरण में गए और महिषासुर के अत्याचार से बचने के लिए उनके साथ आदि शक्ति की आराधना की.    

इस दौरान सभी देवताओं की शरीर से एक शक्ति निकली जिसने मां दुर्गा का रूप धारण कर लिया. मां दुर्गा अस्त्र और शस्त्र से सुसज्जित थी. उन्होंने महिषासुर से भीषण युद्ध किया और 10वें दिन उसका वध किया.  

धार्मिक मान्यता है कि महिषासुर के सर्वनाश के लिए महालया के दिन ही मां दुर्गा का आह्वान के बाद अवतरण हुआ था. कहा जाता है कि महलाया अमावस्या की सुबह सबसे पहले पितरों को विदाई दी जाती है. फिर शाम को मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्वी लोक आती हैं और पूरे नौ दिनों तक भक्तों के कल्याणार्थ उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं.

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* या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


Comments (2)

user
Mini 2 years, 6 months ago
Shubho Mahalaya
user
Swadhina 2 years, 6 months ago
Shubho mahalaya